33वां सरस्वती सम्मान

सरस्वती सम्मान, के. के. बिड़ला फाउंडेशन द्वारा दिया जाने वाला एक साहित्यिक पुरस्कार है। यह सम्मान प्रतिवर्ष भारतीय संविधान की 8वीं अनुसूची में दर्ज भाषाओं में प्रकाशित उत्कृष्ट साहित्यिक कृति को दिया जाता है। इसमें 15 लाख रूपए, प्रतीक चिन्ह और एक प्रशस्ति पत्र दिया जाता है। इस पुरस्कार की स्थापना वर्ष 1991 में की गई थी। 33वां सरस्वती सम्मान प्रभा वर्मा को उनके उपन्यास ‘रौद्र सात्विकम’ के लिए प्रदान किया गया है।

क्र.स. साहित्यकार कृति भाषा
1 प्रभा वर्मा रौद्र सात्विकम (उपन्यास) मलयालम

यह उपन्यास सत्ता और राजनीति, व्यक्ति और राज्य, तथा कला और सत्ता के बीच संघर्ष को दिखाता है। यह समय और स्थान की अवधारणा से परे है और यह बड़े ही रचनात्मक तरीके से धर्म और अधर्म को प्रकाशित करता है। इस उपन्यास की सबसे खास बात यह है कि इसे काव्यात्मक छंद में लिखा गया है। 

प्रभा वर्मा का परिचय

प्रभा वर्मा का जन्म 1959 में केरल के तिरूवल्ला नामक शहर में हुआ था। वह अंग्रेंजी और मलयालम दोनों भाषाओं में अपनी रचनाएं लिखते हैं। उनकी 30 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, जिनमें लगभग एक दर्जन कविता संग्रह, पद्य में तीन उपन्यास, समकालीन सामाजिक-राजनीतिक परिवेश और साहित्य पर आठ पुस्तकें तथा सात निबंध संग्रह शामिल हैं।
प्रभा वर्मा की कुछ उल्लेखनीय कृतियां हैं- सौपर्णिका, अर्कपूर्णिमा, श्यामा माधवम, चंदना नाज़ी, आर्द्रम, और कनाल चिलम्बु।
वर्मा जी को केरल साहित्य अकादमी पुरस्कार, केंद्र सरकार का साहित्य अकादमी पुरस्कार और वायलार पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। इसके अलावा उन्हें सर्वश्रेष्ठ गीत के लिए राज्य और फिल्मफेयर पुरस्कार भी मिल चुका है। वर्तमान समय में प्रभा वर्मा केरल के मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहाकार हैं।

 

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