1➤ दिल्ली दरबार दर्पण के संदर्भ में सही नहीं है ?
2➤ दिल्ली दरबार दर्पण में दरबार नगर से कितनी दूर लगा था ?
3➤ निम्नलिखित में से कौन सा कथन दिल्ली दरबार दर्पण के विषय में सही नहीं है ?
4➤ निम्नलिखित में से कौन सा कथन दिल्ली दरबार दर्पण के विषय में सही नहीं है ?
5➤ “हे हिन्दुस्तान की सेना के अंग्रेजी और देशी अफसर और सिपाहियों,- आप लोगों ने भारी-भारी काम बहादुरी के साथ लड़ भिड़ कर सब अवसरों पर किये और इस प्रकार श्रीमती की सेना की युद्धकीर्ति को थामे रहे। उसका श्रीमती अभिमान के साथ स्मरण करती हैं।”- यह कथन किस निबन्ध का अंश है?
6➤ दिल्ली दरबार दर्पण निबन्ध में भारतेंदु ने किस ब्रिटिश सम्राट का उल्लेख किया है ?
7➤ “हे हिन्दुस्तानी लोग ! आप चाहे जिस जाति या मत के हों यह निश्चय रखिये कि आप इस देश के प्रबंध में योग्यता के अनुसार अंग्रेजों के साथ भलीभांति काम पाने के योग्य हैं और ऐसा होना पूरा न्याय भी है और इंगलिस्तान तथा हिंदुस्तान के बड़े राजनीति जानने वाले लोग और महारानी की राजसी पार्लियामेंट व्यवस्थापकों ने बार-बार इस बात को स्वीकार भी किया है।”- इस अंश के लेखक हैं ?
8➤ भारतवर्ष की उन्नति कैसे हो सकती है ? के संदर्भ में सही नहीं है ?
9➤ भारतवर्ष की उन्नति कैसे हो सकती है ? को भाषण के रूप में भारतेंदु ने निम्नलिखित में से किस जगह दिया था ?
10➤ “आज बड़े ही आनंद का दिन है कि इस छोटे से नगर ………. में इतने मनुष्यों को बड़े उत्साह से एक स्थान पर देखते हैं। रिक्त स्थान में भारतेंदु ने किस जगह का उल्लेख किया है ?
11➤ भारतवर्ष की उन्नति कैसे हो सकती है ? के संदर्भ में भारतेंदु जी के सही कथन हैं ?
12➤ हमारे हिंदुस्तानी लोग तो ………… गाड़ी हैं। रिक्त स्थान में भारतेंदु जी ने किस गाड़ी की बात की है ?
13➤ यद्यपि फर्स्ट क्लास, सेकेंड क्लास आदि गाड़ी बहुत अच्छी-अच्छी और बड़े-बड़े महसूल की इस ट्रेन में लगी हैं पर बिना इंजिन ये सब नहीं चल सकती, वैसे ही हिंदुस्तानी लोगों को कोई चलाने वाला हो तो ये क्या नहीं कर सकते। ….इस अंश का आशय क्या है ?
14➤ “यह समय ऐसा है कि उन्नति की मानो घुड़दौड़ हो रही है।” इस दौड़ में भारतेंदु ने किस देश को शामिल नहीं किया है ?
15➤ “इनको, औरों को जाने दीजिये, जापानी टट्टुओं को हांफते हुए दौड़ते देखकर भी लाज नहीं आती।” यह अंश किसको संबोधित है ?
16➤ “वहां के लोग गप्प ही में देश के प्रबंध छांटते हैं।” …यह कथन किसका है ?
17➤ “अजगर करै न चाकरी पंछी करै न काम दास मलूका कहि गए, सबके दाता राम”, इसका आशय किस भाव को प्रकट करता है ?
18➤ “दरिद्र कुटुंब इसी तरह अपनी इज्जत को बचाता फिरता है, जैसे लाजवंती कुल की बहू फटे कपड़ों में अपने अंग को छिपाए जाती है।” भारतेंदु ने इसमें किसकी दशा को प्रस्तुत किया है ?
19➤ भाइयों, राजा महाराजों का मुंह मत देखो, मत यह आशा रक्खो कि पंडितजी कथा में कोई ऐसा उपाए भी बतलायेंगे कि देश का रूपया और बुद्धि बढ़े। तुम आप ही कमर कसो। आलस छोड़ो, कब तक अपने को जंगली इस मूर्ख बोदे डरपोकने पुकरवाओगे दौड़ो इस घोड़दौड़ में जो पौछे पड़े तो फिर कहीं ठिकाना नहीं है।….अंश किस निबंध का है ?
20➤ अबकी नहीं इस समय में सरकार का राज्य पाकर और उन्नति का इतना सामान पाकर भी तुम लोग अपने को न सुधारो तो तुम्हीं रहो। और वह सुधारना भी ऐसा होना चाहिए कि सब बात में उन्नति हो। ……भारतेंदु ने इसमें किस विषय की तरफ संकेत नहीं किया है ?
21➤ भारतवर्ष की सब अवस्था, सब जाति सब देश में उन्नति करो। सब ऐसी बातों को छोड़ो जो तुम्हारे इस पथ के कंटक हो, चाहें तुम्हें लोग निकम्मा कहें या नंगा कहें, कृस्तान कहें या भ्रष्ट करें। तुम केवल अपने देश की दीनदशा को देखो और उनकी बात मत सुनो। ……इस अंश के लेखक हैं ?
22➤ “तुम्हारे उन्नति पथ में कांटा हो उनकी जड़ खोदकर फेंक दो। कुछ मत डरो।”……भारतेंदु जी इसमें किन कांटों की बात करते हैं ?
23➤ अंग्रेजों की उन्नति का कारण भारतेंदु ने किसे माना है ?
24➤ “लड़कियों को भी पढ़ाइए, किंतु उस चाल से नहीं जैसे आजकल पढ़ाई जाती है। जिससे उपकार के बदले बुराई होती है। ऐसी चाल से उनको शिक्षा दीजिए कि वह अपना देश और कुलधर्म सीखें, पति की भक्ति करें और लड़कों को सहज में शिक्षा दें। ……यह कथन किसका है ?
25➤ “नाना प्रकार के मत के लोग आपस का बैर छोड़ दें। यह समय इन झगड़ों का नहीं।……सब आपस में मिलिए।” इसमें किन मतों की बात नहीं है ?
26➤ “भाई हिन्दुओं! तुम भी मतमतांतर का आग्रह छोड़ो। आपस में प्रेम बढ़ाओ। इस महामंत्र का जप करो। जो हिंदुस्तान में रहे, चाहे किसी रंग किसी जाति का क्यों न हो, वह हिंदू है।” …….इसके लेखक कौन हैं ?
27➤ शिवमूर्ति निबंध के विषय में सही नहीं है ?
28➤ शिवमूर्ति निबंध में ग्रामदेव के रूप में लेखक ने किस भगवान का उल्लेख किया है ?
29➤ “हमारा यह लेख केवल उनके विनोदार्थ है जो अपनी विचार शक्ति को काम में लाते हैं और ईश्वर के साथ जीवित संबंध रख के हृदय में आनन्द पाते हैं तथा आप लाभकारक बातों को समझ के दूसरों को समझाते हैं !” ……..यह अंश किस निबंध से संबंधित है ?
30➤ लेखक ने शिवमूर्ति निबंध में मूर्तियों के मुख्य तीन रंगों का उल्लेख किया है। उनमें कौन सा रंग शामिल नहीं है ?
31➤ अधिकतर शिवमूर्ति किस आकार की होती हैं ?
32➤ शिवमूर्ति किस धर्म का आधार है ?
33➤ शिवमूर्ति का अर्थ है ?
34➤ शिवशंभु के चिट्ठे के संदर्भ में सही नहीं है ?
35➤ शिवशंभु के चिट्ठे निबंध की शुरूआत कैसे होती है ?
36➤ बालक शिवशंभु ने कैसा संसार देखा ?
37➤ अध्यापक पूर्णसिंह के संदर्भ में सही नहीं है ?
38➤ अध्यापक पूर्ण सिंह का कौन सा निबंध नहीं है ?
39➤ ‘मजदूरी और प्रेम’ निबंध की विषय वस्तु में शामिल नहीं है ?
40➤ “हल चलाने वाले और भेड़ चराने वाले प्रायः स्वभाव से ही साधु होते हैं।” यह किस निबंध का अंश है ?
41➤ “खेती उसके ईश्वरी प्रेम का केंद्र है। वृक्षों की तरह उसका भी जीवन एक प्रकार का मौन जीवन है। नयनों की भाषा में यह प्रार्थना करता है।” यह किस निबंध का अंश है ?
42➤ “भोले भाव मिलें रघुराई”, ये किसकी पंक्तियां हैं ?
43➤ “वह निरोगता की पवित्र मदिरा से मस्त हो रहा है। मकान इनका बेमकान है, घर इनका बेघर है, ये लोग बेनाम और बेपता हैं।” यह कथन किसके संदर्भ में है ?
44➤ “मेरा विश्वास है कि जिस चीज में मनुष्य के प्यारे हाथ लगते हैं, उसमें उसके हृदय का प्रेम और मन की पवित्रता सूक्ष्म रूप से मिल जाती है और उसमें मुर्दे को जिंदा करने की शक्ति आ जाती है। मेरे गुरू ने इसी प्रेम से संयम करने का नाम योग रखा है।” यह कथन किसका है ?
45➤ “आनंद और प्रेम की राजधानी का सिंहासन सदा से प्रेम और मजदूरी के ही कंधों पर रहता आया है। स्वार्थ का यहां भी अभाव है, जब स्वार्थ कोई वस्तु ही नहीं तब निष्काम और कामनापूर्ण कर्म करना दोनों ही एक बात हुई। इसलिए मजदूरी और फकीरी का अन्योन्याश्रय संबंध है।” ये पंक्तियां किसकी हैं ?
46➤ मजदूरी और प्रेम में लेखक ने किन व्यक्तित्वों का उल्लेख किया है ?
47➤ “है रीत आशिकों की तन मन निसार करना। रोना सितम उठाना और उनको प्यार करना।” ये पंक्तियां किसकी हैं ?