फोर्ट विलियम कॉलेज

प्रस्तावना

भारतीय नवजागरण के इतिहास में फोर्ट विलियम कॉलेज (Fort William College) का विशेष स्थान है। इसकी स्थापना अंग्रेजों द्वारा प्रशासनिक उद्देश्यों हेतु की गई थी, किंतु इसका गहरा प्रभाव भारतीय भाषाओं, विशेषकर हिंदी और उर्दू साहित्य के विकास पर देखने को मिलता है। यह संस्था भारत में आधुनिक शिक्षा, अनुवाद कार्य, व्याकरण लेखन और शब्दकोश निर्माण जैसे क्षेत्रों में अग्रणी रही। फोर्ट विलियम कॉलेज को हिंदी साहित्य के आदिकालीन गद्य के विकास की दृष्टि से भी मील का पत्थर माना जाता है।


फोर्ट विलियम कॉलेज की स्थापना

फोर्ट विलियम कॉलेज की स्थापना 10 जुलाई 1800 ई॰ को लॉर्ड वेलेजली (Lord Wellesley) द्वारा कलकत्ता (अब कोलकाता) स्थित फोर्ट विलियम किले के भीतर की गई। इसका उद्देश्य ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के नए नियुक्त अधिकारियों को भारतीय भाषाओं, संस्कृति, कानून और शासन प्रणाली का ज्ञान प्रदान करना था ताकि वे भारतीय समाज में बेहतर प्रशासन कर सकें।

लॉर्ड वेलेजली का मानना था कि भारत जैसे विविध भाषायी और सांस्कृतिक देश में बेहतर प्रशासन के लिए अंग्रेज अधिकारियों को स्थानीय भाषाओं का गहन ज्ञान होना चाहिए। इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु उन्होंने फोर्ट विलियम कॉलेज की स्थापना की, जिसे बाद में ‘पश्चिम का नालंदा’ भी कहा गया।


कॉलेज का उद्देश्य

फोर्ट विलियम कॉलेज के निम्नलिखित उद्देश्य थे:

  1. भारतीय भाषाओं का शिक्षण – अंग्रेज अधिकारियों को हिंदी, उर्दू, फारसी, संस्कृत, बंगला, मराठी, पंजाबी आदि भाषाओं का ज्ञान देना।

  2. अनुवाद कार्य – प्रशासनिक, धार्मिक और सांस्कृतिक ग्रंथों का अनुवाद कराना।

  3. शिक्षण सामग्री तैयार करना – पाठ्यपुस्तकों, व्याकरण ग्रंथों और शब्दकोशों का निर्माण।

  4. भारतीय समाज की समझ – भारतीय संस्कृति, इतिहास और परंपराओं का अध्ययन कराकर अधिकारियों को स्थानीय समाज से जोड़ना।


प्रशासनिक ढांचा

कॉलेज का संचालन एक प्रधानाध्यापक (Principal) के नेतृत्व में होता था। इसके अंतर्गत विभिन्न भारतीय भाषाओं के विभाग होते थे, जिनमें विशिष्ट विद्वानों को अध्यापक (मुंशी) के रूप में नियुक्त किया जाता था। इन अध्यापकों में अधिकांश भारतीय विद्वान होते थे जो अंग्रेज अधिकारियों को स्थानीय भाषाओं का प्रशिक्षण देते थे।


प्रमुख भारतीय भाषाओं की भूमिका

1. हिंदी और उर्दू

फोर्ट विलियम कॉलेज ने हिंदी और उर्दू के गद्य साहित्य को एक नई दिशा दी। हिंदी गद्य के विकास के लिए अनेक रचनाएँ इस कॉलेज के अंतर्गत लिखी गईं। इनमें प्रमुख हैं: ‘प्रेम सागर’ (लल्लू लाल), और ‘नासिकेतोपाख्यान’ (सदल मिश्र)।

2. बंगला

कॉलेज ने बंगला भाषा के व्याकरण और साहित्य के विकास में भी योगदान दिया। यहाँ रामराम बसु जैसे विद्वान कार्यरत थे, जिन्होंने बंगला गद्य में ऐतिहासिक कार्य किए।

3. फारसी और अरबी

यहां फारसी और अरबी भाषा की भी शिक्षा दी जाती थी।

4. संस्कृत

हिंदू धर्मशास्त्रों और धार्मिक ग्रंथों के अध्ययन-अनुवाद हेतु संस्कृत का शिक्षण भी कॉलेज में होता था।


फोर्ट विलियम कॉलेज से संबंधित प्रमुख विद्वान

1. लल्लू लाल

  • लल्लूलाल हिन्दी गद्य के प्रथम लेखक माने जाते हैं।

  • इनका प्रसिद्ध कार्य है ‘प्रेमसागर’, जो भागवत पुराण की कथा पर आधारित है।

  • इन्होंने ब्रजभाषा के स्थान पर खड़ी बोली हिन्दी को गद्य साहित्य की भाषा के रूप में प्रस्तुत किया।

2. सदल मिश्र

  • यह फोर्टविलियम कॉलेज के हिंदुस्तानी विभाग में अध्यापक थे।

  • सदल मिश्र की दो प्रसिद्ध गद्य कृतियां – ‘नासिकेतोपाख्यान’ और ‘रामचरित’ हैं।

  • आचार्य रामचंद्र शुक्ल के अनुसार – “इन्होंने अपनी रचनाओं में व्यावहारोपयोगी भाषा लिखने का प्रयत्न किया है।”

3. कालीचरण

  • कालीचरण ने फोर्ट विलियम कॉलेज में हिंदुस्तानी भाषा के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

  • इन्होंने इस भाषा को शिक्षा, साहित्य और प्रशासन के माध्यम से बढ़ावा दिया।

4. जॉन बोर्थविक गिलक्रिस्ट

  • यह एक स्कॉटिश विद्वान और फोर्ट विलियम कॉलेज में हिन्दी/हिंदुस्तानी के पहले प्रधानाचार्य थे।

  • इन्होंने भारतीय भाषाओं, विशेषकर ‘हिंदुस्तानी’ भाषा के विकास में अग्रणी भूमिका निभाई।

  • ‘A Dictionary : English and Hindoostanee’ इनकी एक महत्वपूर्ण रचना है।

5. विलियम कैरी

  • फोर्ट विलियम कॉलेज में कैरी ने एक मिशनरी के रूप में कार्य किया।

  • इन्होंने बाइबिल का हिन्दी और बंगला में अनुवाद किया।


कॉलेज की साहित्यिक उपलब्धियाँ

  1. हिंदी गद्य का प्रारंभ – इससे पूर्व हिंदी साहित्य मुख्यतः पद्यात्मक था। फोर्ट विलियम कॉलेज ने गद्य की नींव रखी।

  2. अनुवाद कार्य – उपनिषद, रामायण, महाभारत, नीति-शास्त्र, कथा-साहित्य आदि का अनुवाद करवाया गया।

  3. शब्दकोश निर्माण – अनेक भाषाओं के शब्दकोश बनाए गए, जिससे प्रशासनिक भाषा को एकरूपता मिली।

  4. व्याकरण ग्रंथ – भाषाओं के व्याकरण तैयार किए गए जिससे इनके विधिवत अध्ययन का मार्ग प्रशस्त हुआ।

  5. धार्मिक सहिष्णुता का प्रचार – विभिन्न धर्मों के ग्रंथों को अनुवाद के माध्यम से अंग्रेज अधिकारियों ने समझा, जिससे सांस्कृतिक सह-अस्तित्व की भावना को बल मिला।


फोर्ट विलियम कॉलेज की आलोचनाएँ

  1. साम्राज्यवादी उद्देश्य – इस संस्था की स्थापना ब्रिटिश प्रशासनिक आवश्यकताओं के अंतर्गत हुई थी, इसलिए इसे भारतीय हितों की दृष्टि से नहीं देखा जाता।

  2. भारतीय भाषा-विकास पर नियंत्रण – कुछ आलोचक मानते हैं कि कॉलेज के माध्यम से अंग्रेजी शासन भारतीय भाषाओं के विकास को नियंत्रित करना चाहता था।

  3. स्थानीय भाषा साहित्य की उपेक्षा – यह भी आरोप लगाया गया कि कॉलेज ने केवल प्रशासनिक कार्यों हेतु भाषाओं का विकास किया, न कि जनसांस्कृतिक संवर्धन हेतु।


फोर्ट विलियम कॉलेज का पतन

19वीं सदी का मध्य आते-आते फोर्ट विलियम कॉलेज की उपयोगिता कम होने लगी। इसके मुख्य कारण थे-

  1. इंग्लैंड में ‘हैलीबरी कॉलेज’ की स्थापना, जहाँ से प्रशिक्षित अधिकारी भारत भेजे जाने लगे।

  2. कंपनी शासन का अंत और ब्रिटिश सरकार द्वारा भारत पर प्रत्यक्ष शासन।

  3. कलकत्ता से प्रशासनिक गतिविधियों का ह्रास।

अंततः यह कॉलेज केवल एक सांकेतिक संस्था बनकर रह गया और धीरे-धीरे इसका लोप हो गया।


फोर्ट विलियम कॉलेज की विरासत

फोर्ट विलियम कॉलेज का ऐतिहासिक महत्व निर्विवाद है:

  1. आधुनिक भारतीय भाषाओं का जनक – यह संस्था आधुनिक हिंदी, उर्दू, बंगला आदि भाषाओं के विकास में मील का पत्थर रही।

  2. शिक्षा का औपचारिक रूप – इसने औपचारिक भाषा-शिक्षण प्रणाली की नींव रखी।

  3. अनुवाद परंपरा की शुरुआत – इसने भारत में संगठित रूप से अनुवाद कार्य शुरू किया।

  4. गद्य परंपरा की शुरुआत – यह पहली संस्था थी जिसने हिंदी और उर्दू गद्य लेखन की विधिवत शुरुआत की।


निष्कर्ष

फोर्ट विलियम कॉलेज एक ब्रिटिश प्रशासनिक योजना का अंग होते हुए भी भारतीय भाषाओं और साहित्य के विकास का अद्वितीय केंद्र बन गया। इसने हिंदी और उर्दू गद्य की नींव रखी, भाषा शिक्षा को व्यवस्थित किया और भाषायी आदान-प्रदान की एक परंपरा स्थापित की। यदि फोर्ट विलियम कॉलेज न होता, तो संभवतः हिंदी-उर्दू गद्य साहित्य का प्रारंभ और विकास एक सदी बाद होता। इसलिए, इस संस्था का भारतीय भाषा-साहित्य के इतिहास में एक युगांतकारी घटना के रूप में स्मरण किया जाना चाहिए।


वस्तुनिष्ठ प्रश्न

1➤ फोर्ट विलियम कॉलेज की स्थापना किस वर्ष हुई थी?





2➤ फोर्ट विलियम कॉलेज की स्थापना किसने की थी?





3➤ फोर्ट विलियम कॉलेज की स्थापना कहाँ की गई थी?





4➤ फोर्ट विलियम कॉलेज को किस उपमा से जाना जाता है?





5➤ फोर्ट विलियम कॉलेज का मुख्य उद्देश्य क्या था?





6➤ ‘प्रेम सागर’ के लेखक कौन थे?





7➤ ‘नासिकेतोपाख्यान’ किसकी रचना है?





8➤ रामराम बसु किस भाषा से जुड़े विद्वान थे?





9➤ फोर्ट विलियम कॉलेज के प्रथम प्रधानाचार्य कौन थे ?





10➤ गिलक्रिस्ट किस देश के थे?





11➤ फोर्ट विलियम कॉलेज में अध्यापक को क्या कहा जाता था?





12➤ फोर्ट विलियम कॉलेज की सबसे बड़ी विरासत मानी जाती है ?





 

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