अस्तित्ववाद

भूमिका 20वीं शताब्दी का दर्शन यदि किसी विचारधारा से सबसे अधिक प्रभावित हुआ है, तो वह है ‘अस्तित्ववाद’ (Existentialism)। यह ...
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कॉलरिज का कल्पना और फैंटेसी का सिद्धांत

भूमिका 19वीं शताब्दी की प्रारंभिक अवधि में अंग्रेज़ी साहित्य में एक प्रमुख नाम थे सैमुअल टेलर कॉलरिज (Samuel Taylor Coleridge)। ...
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रस संप्रदाय

प्रस्तावना भारतीय काव्यशास्त्र में ‘रस’ की अवधारणा अत्यंत प्राचीन एवं मूलभूत मानी जाती है। ‘रस संप्रदाय’ एक ऐसा काव्यशास्त्रीय दृष्टिकोण ...
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हिन्दी आलोचना का उद्भव और विकास

प्रस्तावना हिंदी साहित्य में आलोचना का विकास एक दीर्घकालिक प्रक्रिया रही है, जो विभिन्न युगों, विचारधाराओं और सामाजिक-राजनीतिक परिवर्तनों के ...
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‘एक टोकरी भर मिट्टी’ का समीक्षात्मक अध्ययन

भूमिका “एक टोकरी भर मिट्टी” हिंदी साहित्य की एक कालजयी कहानी है, जिसे माधवराव सप्रे ने 1901 में लिखा था। ...
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वर्ड्सवर्थ का काव्यभाषा सिद्धांत

भूमिका 18वीं सदी के उत्तरार्ध और 19वीं सदी की शुरुआत में यूरोपीय साहित्य, विशेषतः अंग्रेजी साहित्य, एक अत्यंत महत्वपूर्ण संक्रमण ...
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‘अंजो दीदी’ (नाटक) का समीक्षात्मक अध्ययन

प्रस्तावना अंजो दीदी उपेन्द्रनाथ अश्क का एक मनोवैज्ञानिक और सामाजिक नाटक है, जो अनुशासन, अहंकार और यांत्रिक जीवन की अमानवीयता ...
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निर्वैयक्तिकता का सिद्धांत

प्रस्तावना 20वीं शताब्दी की अंग्रेजी साहित्यिक आलोचना में टी.एस. इलिएट (T.S. Eliot) का महत्वपूर्ण स्थान है। वे न केवल एक ...
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अरस्तु का विरेचन सिद्धांत

प्रस्तावना पाश्चात्य काव्यशास्त्र में अरस्तु का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण और प्रभावशाली रहा है। उनकी प्रसिद्ध कृति ‘Poetics’ (काव्यशास्त्र) में उन्होंने ...
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गोदान का समीक्षात्मक अध्ययन

प्रस्तावना मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास “गोदान” हिंदी साहित्य की एक कालजयी कृति है, जो भारतीय ग्रामीण जीवन, विशेषकर किसानों की ...
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