निर्वैयक्तिकता का सिद्धांत

प्रस्तावना 20वीं शताब्दी की अंग्रेजी साहित्यिक आलोचना में टी.एस. इलिएट (T.S. Eliot) का महत्वपूर्ण स्थान है। वे न केवल एक ...
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अरस्तु का विरेचन सिद्धांत

प्रस्तावना पाश्चात्य काव्यशास्त्र में अरस्तु का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण और प्रभावशाली रहा है। उनकी प्रसिद्ध कृति ‘Poetics’ (काव्यशास्त्र) में उन्होंने ...
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गोदान का समीक्षात्मक अध्ययन

प्रस्तावना मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास “गोदान” हिंदी साहित्य की एक कालजयी कृति है, जो भारतीय ग्रामीण जीवन, विशेषकर किसानों की ...
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दुलाईवाली कहानी का समीक्षात्मक अध्ययन

✨प्रस्तावना राजेन्द्रबाला घोष, जिन्हें ‘बंगमहिला’ के नाम से जाना जाता है, की कहानी ‘दुलाईवाली’ हिंदी साहित्य की पहली आधुनिक और ...
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फोर्ट विलियम कॉलेज

प्रस्तावना भारतीय नवजागरण के इतिहास में फोर्ट विलियम कॉलेज (Fort William College) का विशेष स्थान है। इसकी स्थापना अंग्रेजों द्वारा ...
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देवनागरी लिपि : विशेषताएं और मानकीकरण

प्रस्तावना भारत विविध भाषाओं और लिपियों का देश है। इन लिपियों में देवनागरी लिपि का स्थान अत्यंत महत्वपूर्ण है। संस्कृत, ...
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क्रोचे का अभिव्यंजनावाद

प्रस्तावना कला, विशेषकर साहित्य की व्याख्या में सौंदर्यशास्त्र की प्रमुख भूमिका रही है। साहित्य केवल मनोरंजन का माध्यम नहीं है, ...
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प्लेटो के काव्य सिद्धांत

भूमिका पश्चिमी काव्यशास्त्र के इतिहास में प्लेटो (Plato) एक अत्यंत महत्वपूर्ण और विवादास्पद दार्शनिक रहे हैं। उन्होंने न केवल साहित्य ...
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आई. ए. रिचर्ड्स : संप्रेषण सिद्धांत

भूमिका बीसवीं सदी के आरंभिक वर्षों में साहित्यिक आलोचना की दिशा में कई मौलिक और क्रांतिकारी परिवर्तन हुए। इस युग ...
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अरस्तु का अनुकरण सिद्धांत

प्रस्तावना साहित्य का मूल्यांकन और विश्लेषण करने के लिए विभिन्न सिद्धांत प्रस्तुत किए गए हैं। इन सिद्धांतों में सबसे प्राचीन ...
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