हिन्दी नाटक (MCQ) भाग-3

1➤ स्कन्दगुप्त के संदर्भ में सही नहीं है ?





2➤ निम्नलिखित में से स्कन्दगुप्त नाटक का पात्र नहीं है ?





3➤ ‘अधिकार सुख कितना मादक और सारहीन है’ यह किसका कथन है ?





4➤ निम्नलिखित में से स्कन्दगुप्त नाटक का पात्र है ?





5➤ ‘कविता करना अनंत पुण्य का फल है।’ यह किसका कथन है ?





6➤ ‘परिवर्तन ही सृष्टि, जीवन है। समय स्त्री व पुरूष दोनों की गेंद लेकर दोनों हाथ से खेलता है।’ यह किसका कथन है ?





7➤ निम्नलिखित में से स्कन्दगुप्त नाटक का पात्र नहीं है ?





8➤ ‘पुलिंग व स्त्रीलिंग की समष्टि अभिव्यक्ति की कुंजी है। पुरूष उछाल दिया जाता है, स्त्री आकर्षण करती है। यही जड़ प्रकृति का चेतन रहस्य है।’ यह किसका कथन है ?





9➤ निम्नलिखित में से स्कन्दगुप्त नाटक का पात्र नहीं है ?





10➤ ‘क्षमा पर मनुष्य का अधिकार है, वह पशु के पास नहीं मिलती। उठो मैं तुम्हें क्षमा करती हूं।’ यह किसका कथन है ?





11➤ ‘पवित्रता की माप है मलीनता, सुख का आलोचक है, दुःख, पुण्य की कसौटी है, पाप।’ यह किसका कथन है ?





12➤ ‘प्रत्येक परमाणु के मिलन में एक समय है।’ यह किसका कथन है ?





13➤ निम्नलिखित में से स्कन्दगुप्त नाटक का पात्र नहीं है ?





14➤ धर्म के अंधभक्तों मनुष्य अपूर्ण है। इसलिए सत्य का विकास जो उसके द्वारा होता है, अपूर्ण होता है। यह किसका कथन है ?





15➤ ‘आह ! वेदना मिली विदाई।’ यह किसका कथन है ?





 

जयशंकर प्रसाद के नाटक

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